महाराणा प्रताप ने शुरू की थी धूणी दर्शन की परंपरा, उदयपुर सिटी पैलेस के हैं अंदर
यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें ! जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है !
शनिवार की शाम को माह (उड़द) की दाल के दाने पर थोड़ी सी दही और सिंदूर डालकर पीपल के नीचे रख आएं। वापस आते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें। यह क्रिया शनिवार को ही शुरू करें और ७ शनिवार को नियमित रूप से किया करें, धन की प्राप्ति होने लगेगी।
इसके बाद गड्डे को मिट्टी से भर देना है. तथा कोई पत्थर भी उसके ऊपर रख देना चाहिए.
If The client foundation is minimizing or else you think that any person has finished black magic, do the following ‘totka’- Slash five Yellow Lemons on Sunday& put them into your store in addition to a handful of pepper and Yellow mustard seeds.
मंत्र : ऊँ क्रीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा।''
यदि कोई व्यक्ति बगैर किसी कारण के परेशान कर रहा हो, तो शौच क्रिया काल में शौचालय में बैठे-बैठे वहीं के पानी से उस व्यक्ति का नाम लिखें और बाहर निकलने से पूर्व जहां पानी से नाम लिखा था, उस स्थान पर अप बाएं पैर से तीन बार ठोकर मारें। ध्यान रहे, यहप्रयोग स्वार्थवश न करें, अन्यथा हानि हो सकती है।
सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं। जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें।
पौष मास: पौष मास में जन्म लेने वाली स्त्री पुरुष के समान स्वभाव वाली, पति से विमुख, समाज में गर्व तथा क्रोध रखने वाली होती है।
शं षीम शूं में शुभम कुरु
कोई ना कोई समस्या बनी रहती है या फिर बने बनाए कार्य अटक जाते हैं तो हर दिन थोड़ी सी फिटकरी को स्नान करने वाले जल में मिला लें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहेगी और आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी। साथ ही आपकी समस्याएं भी दूर होंगी और आर्थिक रूप से संपन्न भी हो जाएंगे।
घर में पूर्वजों के गड़े get more info हुए धन की प्राप्ति हेतु किसी सोमवार को २१ श्वेत चितकवरी कौड़ियों को अच्छी तरह पीस लें और चूर्ण को उस स्थान पर रखें, जहां धन गड़े होने का अनुमान हो। धन गड़ा हुआ होगा, तो मिल जाएगा।
There won't be any Threat of dacoit or Loot on the way in which. Try this experiment quietly as Some others mustn't get aware of it.
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा "
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